Yug Purush

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अंतरिक्ष: A LONER... भाग -6

भाग -6 ~EMV-X



ऑरोरा  के द्वारा किये गए एक्स्प्लोजन के कारण मेरे स्पेससूट से कनेक्टेड tether rope टूट कर टुकडो में तब्दील हो गया था और एक्स्प्लोजन के कारण भूकंप के समान जो कंपन हुआ , उसका इम्पैक्ट  इतना ज्यादा  था कि ऑरोरा  ISS से दूर पृथ्वी की ओर पुशड हुई, पर वो नीचे नहीं गिर रही थी... बल्कि ISS की तरह ही ISS से दूर अपनी ही एक ऑर्बिट में पृथ्वी के चारो ओर  उसी स्पीड से घूम रही थी, जिस स्पीड में ISS था । निक ने जैसे ही मुझे ऑरोरा  के बारे में ये बताया मैंने तुरंत पीछे मुड़कर ऑरोरा  को देखा और उसे ISSसे दूर जाता देख मैंने तुरंत ही अपने EMV-X स्पेससूट के मेन थ्रस्टर को ऑन किया और ऑरोरा  की ओर  इस अनंत आकाश में खुद को धकेलने लगा ।

 

निक: आकाश ..?? तुम ये क्या कर रहे हो...?

“Testing  the EMV-X...”

 

“पर तुमने तो कुछ देर पहले  कहा की तुम्हारे थ्रस्टर में लीकेज है... तुम ऑरोरा  को वापस नहीं ला पाओगे”

“just guide me through all this..”दूसरा थ्रस्टर भी ऑन करके मैंने खुद को tether rope का जो हिस्सा अभी भी मुझसे अटैच्ड था , उसे मैंने निकाल फेका और  तेजी से ऑरोरा की ओर खुद को पुशड किया ....

निक: Mr. A, तुम ये नहीं कर पाओगे, वो जीरो ग्रेविटी ऑर्बिट के अंतिम छोर पर है , वह तक जाना और फिर लीकेज थ्रस्टर के साथ ऑरोरा  को वापस ISS में लाना नामुमकिन है । ऊपर से थ्रस्टर की पॉवर इतनी ज्यादा है की जीरो ग्रेविटी के अंतिम छोर पर तुम रुक नहीं पाए तो ये तुम्हे उस छोर के पार धकेल देगा । जहा से तुम्हारे बचने की सम्भावना बिल्कुल भी नहीं है । Mr. A ,  you can’t do that”

“ I have to....”

 

विस्फोट के बाद ऑरोरा , पृथ्वी की ओर सीधे  गिरने की बजाय  ISS के सामानांतर ही एक दुसरे कक्षा में पृथ्वी के चक्कर लगा रही थी । मेरा उस तक पहुचना जितना मुश्किल था, उससे भी ज्यादा मुश्किल... उसे लेकर वापस ISS को  पकड़ना था । ऊपर से थ्रस्टर सिलिंडर भी लीकेज हो चुका था, जिसके कारण थ्रस्टर की उर्जा दुगनी रफ़्तार से खर्च हो रही थी । हालांकि मैंने पृथ्वी पर स्पेस सेन्टर के VR Simu।ation में कई बार ये किया था, लेकिन अक्सर थ्रस्टर की पॉवर ज्यादा होने पर, मेरा खुद पर कण्ट्रोल नहीं रहता था और मैं हमेशा अपने लक्ष्य के आगे निकल जाता था , लेकिन आज ये आप्शन नहीं था । आज ये नहीं होना चाहिए था... इसलिए मैं थ्रस्टर को सिर्फ थोड़ी –थोड़ी देर के लिए ऑन करके खुद को ऑरोरा  की ओर हल्का पुश करता और जैसे ही मुझे लगता की मैं कण्ट्रोल में हूँ, थ्रस्टर को फिर से बूस्ट कर देता । मैंने कई बार ऐसा किया और जब मुझे लगा की इसके बाद थ्रस्टर ऑन करने पर मैं जीरो ग्रेविटी के अंतिम छोर से भी आगे निकल जाऊंगा तो मैंने थ्रस्टर एकदम से बंद कर दिया ।

 

“निक, ऑरोरा  होश में नहीं है...?? वो कोई रेस्पोंस  नहीं दे रही...”

Nick: her he।met is depressurized… She may be dead a।ready.  Mr. A, p।ease come back to ISS. it’s the director’s order”

“डायरेक्टर से कहना कि डिस्टर्बेंस की वजह से मैं क्लियरली नहीं सुन पाया तुम्हारा मेसेज”

Nick: Mr. A, प्लीज मेरी बात सुनो । हमारा मिशन उसकी लाइफ से बड़ा है । इसलिए अपने थ्रस्टर अब ऑन मत करना । प्लीज... Mr. A , do not boost your thrusters. यदि तुमने अब ऐसा किया तो ये तुम्हे जीरो ग्रेविटी की कक्षा के अन्दर अर्थ के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण वाली फील्ड में ले आएगा... जहा पृथ्वी तुम्हे घर्षण के कारण जिन्दा जला देगी ।

“ऑरोरा  मुझे कितनी दूरी पर है ...”

निक: 20

‘’और अब...’’तुरंत थ्रस्टर ऑन करके ऑफ करके मैंने खुद को ऑरोरा  की ओर और पुश किया

Nick: it’s 8... no.. 7... Mr. A, p।ease do not boost your thruster....

 

मैंने अपना हाथ ऑरोरा  की तरफ किया । ऑरोरा  मेरा हाथ पकड़ लेती यदि वो होश में होती, मैंने बहुत कोशिश की , अपने शरीर की पूरी ताक़त झोक दी, बिना थ्रस्टर ऑन किये खुद को ऑरोरा  की तरफ पुश करने की ... लेकिन वो अब भी मेरी पहुच से दूर थी ।

 

Nick: SAAAFEERRRR…

“SAFER…?”

Nic:  सीने में लगे SAFER  की  बूस्टिंग पॉवर , मेन थ्रस्टर से बहुत कम होती है ।

 

SAFER ... Yes. मैंने अपने एक हाथ को धीरे –धीरे अपने सीने की तरफ ले गया और स्पेससूट में सीने के बीचो –बीच लगे SAFER को बूस्ट किया, जिसके कारण मैं फिर ऑरोरा  की तरफ पुश हुआ । ऑरोरा  अपनी स्थिति में स्थिर नहीं थी, वो अपने आप में ही बहुत तेज गति से गोल –गोल घूम रही थी ।

 

Nic: six... five... four... three... two....  off your SAFER.

 

ऑरोरा  अब मेरी पहुच में थी , पर वो इतनी तेज गति से गोल –गोल घूम रही थी कि उसका हाथ जो मेरी पकड़ में आ रहा था, वो तुरंत उसके गोल –गोल घुमने के कारण छुट जाता । कुछ देर तक ऐसे ही कभी ऑरोरा  का हाथ एक पल के लिए मुझसे टच होता, तो कभी उसका हेलमेट, तो कभी उसके शरीर का कोई और हिस्सा...

“निक , मैं उसे पकड़ नहीं पा रहा...”बेबसी के साथ जब इस बार ऑरोरा  का हाथ मुझसे छुट गया तो मैं निक पर चिल्लाया

Nic: do not boost…..

 

ऑरोरा  को निशाना लगाकर मैंने SAFER को फिर से हल्का बूस्ट किया और सीधे जाकर ऑरोरा  से जा टकराया , जहा मैंने ऑरोरा  को पकड़ा और तुरंत EMV-X के मेन थ्रस्टर को ऑन करके ISS की ओर मुडा... ऑरोरा  का हाथ मैंने अपने एक हाथ से पकड़ा और अपने दुसरे हाथ से थ्रस्टर को बूस्ट किया, लेकिन अब ISS को पकड़ना बहुत मुश्किल था, फिर भी कोशिश तो करनी ही थी । मैंने थ्रस्टर ऑन किया और ऑरोरा  का हाथ थामे तेजी से  ISS की तरफ बढ़ा । जितनी तेज गति से मैं ऑरोरा की ओर बढ़ रहा था, उतनी ही तेज गति से मेरे थ्रस्टर की एनर्जी लेवल भी  कम हो रही थी ।

“अभी कितनी पॉवर बची है , निक... मेरे सिलिंडर में ..”

Nic: 20 %... 18 %... 15…% लीकेज बढ़ता ही जा रहा , साथ में पॉवर लॉस भी ...

Nic: 10 %

Nic:  come on… come onnnnn…. Mr. A

 

पर थ्रस्टर बीच में ही बंद हो गया और थ्रस्टर के बंद होते ही एक झटके के साथ  मैं, ऑरोरा  के साथ वापस ISS से दूर जाने लगा । मेन थ्रस्टर के बंद होते ही मैंने सीने के पास लगे SAFER को भी तुरंत बूस्ट किया, जिसने कुछ दूरी तक फिर से मुझे ISS की ओर धकेला, पर उसकी पॉवर काफी नहीं थी और थोड़ी देर बाद वो भी बंद हो गया । SAFER के बंद होते ही मैं समझ गया की ये मेरा अंत है ,ये हमारा अंत है । मैंने अपनी आँखे सूर्य को क्षितिज में देखते हुए धीरे –धीरे बंद की और एक हाथ ISS की तरफ बढ़ा कर, अपने अंत को स्वीकार कर लिया ।

क्यूंकि मुझे मालूम था की अब मैं अपनी आँखे बंद करके अगली बार जब खोलूँगा तो ... तो  सामने मेरी माँ मुझे दिखाई देगी और शायद ...ऑरोरा  भी । मैंने उस पल SAFER के बंद होते ही इस सच को स्वीकार कर लिया था और मुझे कोई मलाल भी नहीं था । बस मेरे कुछ सवाल मेरे साथ ही इस Empty sspace में दफ़न हो रहे थे । मुझे ऑरोरा  का Spacewa।k के दौरान मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखाई दिया और उससे मंगल ग्रह के Gateway मिशन में अपने साथ चलने के लिए पूछता हुआ मैं .... उसका जवाब क्या होता..?? क्या वो मेरे साथ चलने के लिए तैयार होती....? पर अब इन सब का कोई कोई मतलब नहीं था । मैंने ऑरोरा  का एक हाथ पकडे हुए खुद को ISS से दूर जाता हुआ महसूस किया । क्यूंकि मेरी बॉडी में बढती हुई डिस्टर्बेंस मुझे इसका आभास करा रही थी, पर मुझे खुशी  भी थी कि अगली बार जब मैं अपनी आँखे खोलूँगा, तो मुझे मेरी माँ दिखाई देगी । मुस्कुराते हुए, मेरा इन्तजार करते हुए, अपना हाथ मुझे पकड़ने के लिए आगे बढ़ाते हुए... मैंने खुद को इस वक़्त उस बारिश में, भीगते हुए , उस स्कूल के बाहर बने पार्क के बेंच में पाया, जहा बालपन में  स्कूल के कुछ लडको से लडाई होने के बाद मैं गाल फुलाकर बैठ गया था । मुझे अब बस इन्तजार था तो सिर्फ अपनी माँ का ... जो वहा थोड़ी देर बाद आने वाली थी । वो आई भी और उन्होंने मेरा हाथ भी पकड़ा... और जैसे ही मेरी माँ के द्वारा मेरा हाथ पकड़ने का मुझे आभास हुआ, मैंने तुरंत अपनी आँखे खोली .....

 

मैंने अपनी आँखे खोली और आँख खोलते ही मेरे सामने मेरी माँ नहीं बल्कि निक था, वो भी EMV-X में...  जिसके थ्रस्टर पूरी तरह चार्ज्ड थे और उसके  थ्रस्टर के सिलिंडर में कोई लीकेज भी नहीं था । उसने ISS से दूर जाते हुए मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ा और ऑरोरा  के साथ मुझे ISS की तरफ ले जाने लगा ।

 

निक ने सीधे मेडिकल मॉडयूल का हैच खोला और हमें अन्दर ले गया । ऑरोरा  के हेलमेट में एक्सप्लोजन के कारण क्रैक होने से उसका हेलमेट depressurized हो गाया था । वो इस समय बेहोश थी और सीपीआर देने की कंडीशन में ना तो मैं था और ना ही निक । इसके साथ ही ऑरोरा के हेलमेट क्रैक होने से उससे  रेडिएशन का भी खतरा था, इसलिए निक ने ऑरोरा  को डेस्टिनी लैब में सील कर दिया और JIN नाम के रोबोट ने ऑरोरा  को होश में लाने का काम किया ।

 

Day~78 : ~Aftermanth

 

 “अक्श ... इस विश्व में तुम्हे सबसे ज्यादा दोगलापन किसमें लगता है ...?”ऑरोरा  मुझसे पूछी...

“इंसान में... मेरी नजर में हम इंसान इस पुरे ग्रह में सबसे दोगली प्रजाति है...”Cupola की खिडकियों से नीचे झाकते हुए मैंने जवाब दिया

“दिलचस्प... और वो कैसे...”

“प्रथम विश्वयुद्ध के बाद हम नहीं चाहते थे की ऐसा भयंकर युद्ध फिर कभी हो, कोई नहीं चाहता था... पर इसके साथ ही ये कहते हुए हम द्वितीय विश्वयुद्ध की तयारी भी कर रहे थे और दुसरे विश्वयुद्ध के बाद  सबने पूरा जोर दिया की तृतीय विश्वयुद्ध  बिल्कुल नहीं होना चाहिए, इसके लिए एक  आर्गेनाइजेशन भी बनायीं । ये आर्गेनाईजेशन ऐसी है कि यदि एक एकड़  जमीन भी किसी देश की विवादित है तो वो सुलझा नहीं सकती । एक तरफ जहा हम तृतीय विश्वयुद्ध के खिलाफ है, वही दूसरी तरफ इसकी पुर–जोर से तैयारी भी करने में लगे हुए है... ऐसी तैयारी  जिससे अधिक से अधिक तबाही लाया जा सके, अधिक से अधिक पृथ्वी को नुक्सान पहुचाया जा सके । कभी –कभी मैं सोचता हूँ कि यदि प्रकृति कोई देवी होती और मैं उनसे बात कर पाता तो एक सवाल उनसे जरूर पूछता कि, डायनासोर ज्यादा हैवान थे या  फिर मानव....”

 

और फिर मेरी आँखों के सामने वो दृश्यआये, जिसमे ऑरोरा  ISS से दूर अपनी जिंदगी और मौत की लडाई लड़ रही थी और मैं उसे बचाने की कोशिश में लगा हुआ था । मेरी आँख तुरंत खुली और मैं एक पल के लिए संशय में रहा की... ये सपना है, या सपने में जो देखा वो सपना है ... या फिर ये दोनों ही सपना है और वास्तविकता कुछ तीसरी ही है । कुछ मिनट्स लगे मुझे ये समझने में  और जब सब कुछ समझ आया तो भारी मन से अपना रिकॉर्डिंग लॉग ऑन किया और उसमे खुद को रिकॉर्ड करने लगा ....


“ सब कुछ हकीक़त ही है.. ये बाते भी और ऑरोरा  का जीवन के लिए करता हुआ संघर्ष भी ... बस फर्क इतना था की ये दोनों अतीत की  घटनाये थी, इसलिए मैं थोड़ी देर के लिए कंफ्यूज हो गया था । वास्तविकता में या फिर ये कहु की वर्तमान में 1 सप्ताह बीत चुका है , जब हमारे  रेडियेटर -1 में ऑरोरा  ने विस्फोट किया था । रेडियेटर -1 के एक्स्प्लोड़ होने के बाद लाइफ सपोर्टिंग Zvezda Modu।e ऑटोमेटिकली रेडियेटर -2 से कनेक्ट हो गया  और अब अमोनिया लीकेज की कोई प्रॉब्लम नहीं है । लेकिन ऑरोरा .... वो अब पहले की तरह नहीं है । उसके चेहरे का रंग हर बीतते समय के साथ बड़े अजीब ही रंग में परिवर्तित हो रहा है । वो अब पूरी तरह होश में नहीं रहती और अधिकतर समय कुछ ना कुछ बडबडाते रहती है । वो जागते हुए भी कभी –कभी अपनी आँखे बंद करके डेस्टिनी लैब में सील्ड या तो चुप –चाप लेटी रहती है या फिर... या फिर... सच में सोती रहती है. जब वो अपनी आँखे बंद करती है तो अगली बार उसके आँख खुलने पर मुझे संदेह होता है । मैं उससे सील्ड एरिया के बाहर से बात तो कर सकता हूँ , उसे देख तो सकता हूँ पर उसके पास नहीं जा सकता... रेडिएशन के कारण उसका हाथ पकड़ कर उसे दिलासा नहीं दे सकता । ऊपर से ... मेरा मतलब नीचे से भी हमें यही आदेश है । कभी –कभी बात करते हुए उसकी जुबान अपने आप लड़खड़ाने लगती है । JIN रोबोट दिन में दो बार ऑरोरा  की रिपोर्ट नीचे स्पेस सेन्टर को भेजता है और स्पेस सेन्टर की माने तो ऑरोरा  की हालत में कोई सुधर नहीं है । रेडिएशन के कारण उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगडती ही जा रही है ।


पर ये रेडिएशन नहीं है, पूरी तरह से नहीं... क्यूंकि ये यदि रेडिएशन होता तो ऑरोरा  इतने दिन तक जिन्दा नहीं रहती । वो कभी –कभी मुझसे बात करती है , पर ज्यादा देर के लिए नहीं.... ये बहुत ही डिस्टर्बिंग है, मैं उसकी हालत के बारे में और ज्यादा बात नहीं कर सकता । I’M SIGHING OUT...."


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1 Comments

Sana khan

27-Aug-2021 12:38 PM

Nice

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